सड़क यातायात दुर्घटनाऐं स्वास्थ्य एवं विकास पर अनुपातहीन प्रभाव छोड़ते हुए प्रति वर्ष 1.35 मिलियन जिंदगियों को लील जाती हैं। विश्वके सभी उम्र समूहों तथा 15 से 29 वर्ष की उम्र के बीच वाले युवाओं की होने वाली मौतों का यह नौवाँ मुख्य कारण है, जो सरकारों कीजीडीपी तथा न्यून एवं मध्यम-आय देशों को क्रमश: लगभग 3 प्रतिशत और 5 प्रतिशत का नुकसान (विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्लूएचओ2018) पहुँचाता है।
सड़क सुरक्षा लक्ष्यों को,अन्यों के अतिरिक्त, सभी सड़क प्रयोक्ताओं की भलाई हेतु प्राप्त करने के लिए मौजूदा सड़क अवसंरचना को सुधारनेकी आवश्यकता है, खासतौर पर सबसे संवेदनशील लोगों के लिए (सड़क सुरक्षा 2011-2020 के लिए कार्यात्मक दशक - स्तंभ 2)।
अवसंरचना नियोजन, रूपरेखा एवं निर्माण में संशोधन, जिसमें पैदलयात्रियों तथा साईकिल चालकों के लिए सुरक्षित अवसरंचना का प्रावधानशामिल है ऐसे जोखिमों को कम कर सकता है जो सड़क यातायात दुर्घटनाओं तथा मौतों का कारण बनते हैं। फुटपाथ,साईकिल पथ,पारपथ, मोटरसाईकिल पथ तथा कई सड़कों पर सुरक्षित गति-नियंत्रण प्रतिच्छेद बिंदुओं जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में, सभी सड़कप्रयोक्ताओं के जोखिम में वृद्धि होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रत्येक देश में अगले 20 वर्षों तक फुटपाथ,सुरक्षा अवरोधकों,साईकिल पथों तथा पेवड शोल्डर जैसी बताईगई कुछ चीजों को बनाने के माध्यम से, सबसे जोखिमपूर्ण 10 प्रतिशत सडकों को सुधार कर, तकरीबन 3.6 मिलियन मौतों तथा 40 मिलियन गंभीर दुर्घटनाओं (डब्लूएचओ,2015) को रोका जा सकता है।
सड़क सुरक्षा कार्यात्मक दशक का स्तंभ 2 यह दर्शाता है कि सुरक्षित सड़कों के लिए निम्नलिखित अपेक्षित है :
- सड़क प्रयोक्ता अनुसार मौतों और दुर्घटनाओं की संख्या और अवस्थिति तथा उन प्रमुख अवसंरचना कारकों को पहचानना,
प्रत्येक प्रयोक्ता समूह के लिए जोखिम को प्रेरित करते हैं। - जहाँ दुर्घटनाओं की अत्यधिक संख्या या गंभीरता उत्पन्न होती हो ऐसी सड़क अवस्थितियों या खंडों को पहचानना।
- मौजूदा सड़क अवसंरचना के सुरक्षा मूल्यांकनों को संचालित करना तथा
निष्पादन को सुधारने हेतु स्वीकृत इंजीनियरिंग उपायों को अमल में लाना।